पार्ल (दक्षिण अफ्रीका)। भारतीय तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह ने सोमवार को कहा कि यदि भविष्य में उन्हें राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करने का मौका मिलता है तो वह यह जिम्मेदारी निभाने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
विराट कोहली का टेस्ट कप्तानी से त्यागपत्र देने के बाद उनका तीनों प्रारूपों में कप्तानी करियर समाप्त हो गया है, जबकि रोहित शर्मा अगले साल 35 वर्ष के हो जाएंगे और ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा कौन सा खिलाड़ी हो सकता है जो कि लंबी अवधि तक टीम की कमान संभाल सकता है। इस लिहाज से बुमराह को भी कप्तानी के दावेदारों में माना जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाली एकदिवसीय श्रृंखला में केएल राहुल कप्तान जबकि बुमराह उप कप्तान की भूमिका निभाएंगे।
बुमराह ने श्रृंखला से पूर्व संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि यह मौका मिलता है तो यह सम्मान होगा और मुझे नहीं लगता कि कोई भी खिलाड़ी इसके लिये मना करेगा और मैं भी अपवाद नहीं हूं। चाहे वह कोई भी नेतृत्व समूह हो, मैं हमेशा अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से उसमें योगदान देना चाहता हूं।’’
इस तेज गेंदबाज ने कहा कि जिम्मेदारी लेना और टीम के साथियों की मदद करना उनका स्वाभाविक गुण है।
बुमराह ने कहा, ‘‘मैं इस स्थिति को उसी तरह से देखता हूं। जिम्मेदारी लेना और खिलाड़ियों से बात करना और उनकी मदद करना हमेशा से मेरा दृष्टिकोण रहा है और स्थिति कैसी भी हो यह हमेशा मेरा दृष्टिकोण रहेगा।’’
बुमराह ने कहा कि अब वह भले ही उपकप्तान हैं लेकिन उनकी भूमिका में कोई खास बदलाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘पद का होना या न होना मायने नहीं रखता। मैं हमेशा इस पर ध्यान केंद्रित करता हूं कि मैं कैसे योगदान दे सकता हूं।’’
बुमराह ने कहा, ‘‘मेरे लिये भूमिका बिल्कुल नहीं बदलेगी। मुझे पहले अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभानी है। अपनी तरफ से अधिक से अधिक योगदान देना और यदि केएल (राहुल) को जरूरत पड़ती तो मैदान पर उसकी मदद करना। ’’
बुमराह ने कहा कि जब वह उप कप्तान नहीं थे तब भी ऐसा करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब मैं उप कप्तान नहीं था तब भी मैं किसी युवा खिलाड़ी से बात करने की कोशिश करता था। क्षेत्ररक्षण कैसे सजाना है इस पर काफी चर्चा होती थी और आगे भी मैं यही भूमिका निभाने की कोशिश करूंगा।’’
कोहली के तीनों प्रारूपों की कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम प्रबंधन पूरी तरह से नया होगा लेकिन बुमराह को इसमें कुछ अजीब नहीं लगता।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर किसी से बात नहीं कर सकता लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि इससे (टीम प्रबंधन में बदलाव) कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं यहां हर किसी की मदद करने के लिये हूं। प्रत्येक खिलाड़ी बदलाव की प्रक्रिया का सम्मान करता है।’’
बुमराह ने इसके साथ ही कहा कि अगर जिम्मेदारी नहीं है तो उसमें कोई मजा भी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि जिम्मेदारी या दबाव नहीं है तो फिर मजा ही कहां है। मैं अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने के लिये तैयार हूं।’’