बिग बैंग शून्य से कैसे उत्पन्न हो सकता है?

    Date:

    बर्मिंघम। ‘‘आखिरी सितारा धीरे-धीरे ठंडा और फीका हो जाएगा। इसके गुजरने के साथ, ब्रह्मांड एक बार फिर शून्य हो जाएगा, बिना प्रकाश या जीवन या अर्थ के।’’

    हाल ही में बीबीसी श्रृंखला यूनिवर्स में भौतिक विज्ञानी ब्रायन कॉक्स ने कुछ ऐसी ही चेतावनी दी। उस अंतिम तारे का लुप्त होना केवल एक अनंत लंबे, अंधेरे युग की शुरुआत होगी।

    अंततः सभी पदार्थ राक्षसी ब्लैक होल में समा जाएंगे, जो बदले में प्रकाश की सबसे धुंधली चमक में लुप्त हो जाएंगे।

    अंतरिक्ष का विस्तार तब तक होगा जब तक कि वह मंद प्रकाश भी संपर्क की सीमा से परे फैल न जाए।

    - Advertisement -

    गतिविधि बंद हो जाएगी।

    या ऐसा होगा? अजीब तरह से, कुछ ब्रह्मांड विज्ञानी मानते हैं कि पूर्व, ठंडा अंधेरा खाली ब्रह्मांड, जैसा हमारे सुदूर भविष्य में निहित है, हमारे अपने बिग बैंग का स्रोत हो सकता है।

    पहला पदार्थ

    लेकिन इससे पहले कि हम उस तक पहुँचें, आइए देखें कि ‘‘पदार्थ’’ – भौतिक पदार्थ – सबसे पहले कैसे आया।

    यदि हम परमाणुओं या अणुओं से बने स्थिर पदार्थ की उत्पत्ति की व्याख्या करना चाहते हैं, तो निश्चित रूप से बिग बैंग के आसपास ऐसा कुछ नहीं था – न ही सैकड़ों हजारों वर्षों के बाद।

    - Advertisement -

    हमें वास्तव में इस बात की बहुत विस्तृत समझ है कि कैसे सरल कणों से बने पहले परमाणु एक बार जटिल पदार्थ के स्थिर होने के लिए पर्याप्त रूप से ठंडे हो गए, और बाद में इन परमाणुओं को सितारों के अंदर भारी तत्वों में कैसे जोड़ा गया।

    लेकिन वह समझ इस सवाल का समाधान नहीं करती है कि क्या कुछ नहीं से कुछ आया है।

    तो चलिए और पीछे सोचते हैं। किसी भी प्रकार के पहले लंबे समय तक रहने वाले पदार्थ कण प्रोटॉन और न्यूट्रॉन थे, जो एक साथ परमाणु नाभिक बनाते हैं। ये बिग बैंग के बाद एक सेकंड के दस हजारवें हिस्से के आसपास अस्तित्व में आए।

    उस बिंदु से पहले, शब्द के किसी भी परिचित अर्थ में वास्तव में कोई सामग्री नहीं थी।

    - Advertisement -

    लेकिन भौतिकी हमें समयरेखा के पीछे की ओर देखने देती है – भौतिक प्रक्रियाओं के लिए जो किसी भी स्थिर पदार्थ से पहले होती हैं।

    यह हमें तथाकथित ‘‘भव्य एकीकृत युग’’ में ले जाता है।

    अब तक, हम काल्पनिक भौतिकी के क्षेत्र में अच्छी तरह से प्रवेश कर चुके हैं, क्योंकि हम अपने प्रयोगों में उस समय चल रही प्रक्रियाओं की जांच करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर सकते हैं।लेकिन एक प्रशंसनीय परिकल्पना यह है कि भौतिक दुनिया अल्पकालिक प्राथमिक कणों के योग से बनी थी – जिसमें क्वार्क, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के निर्माण खंड शामिल हैं।

    लगभग समान मात्रा में पदार्थ और ‘‘एंटीमैटर’’ दोनों थे। हालांकि, जब वे मिलते हैं तो पदार्थ और एंटीमैटर ऊर्जा के एक फ्लैश में नष्ट हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि ये कण लगातार बनाए और नष्ट किए गए थे।

    लेकिन ये कण सबसे पहले कैसे अस्तित्व में आए? क्वांटम फील्ड थ्योरी हमें बताती है कि एक वैक्यूम भी, ऊर्जा के उतार-चढ़ाव के रूप में भौतिक गतिविधि से भरा होता है।

    ये उतार-चढ़ाव कणों को बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं, जो केवल कुछ ही समय बाद गायब हो जाते हैं।

    यह वास्तविक भौतिकी के बजाय गणितीय विचित्रता की तरह लग सकता है, लेकिन ऐसे कणों को अनगिनत प्रयोगों में देखा गया है।

    स्पेसटाइम वैक्यूम स्टेट लगातार कणों के निर्माण और नष्ट होने के साथ उभर रहा है, जाहिरा तौर पर ‘‘कुछ भी नहीं’’।

    लेकिन शायद यह सब वास्तव में हमें बताता है कि क्वांटम वैक्यूम (इसके नाम के बावजूद) कुछ नहीं बल्कि कुछ है।

    दार्शनिक डेविड अल्बर्ट ने बिग बैंग के उन दावों की जोरदार आलोचना की है जो इस तरह से कुछ नहीं से कुछ पाने का वादा करते हैं।

    मान लीजिए हम पूछते हैं: स्पेसटाइम स्वयं कहां से उत्पन्न हुआ? तब हम घड़ी को और भी पीछे घुमा सकते हैं, वास्तव में प्राचीन ‘‘प्लैंक युग’’ में – ब्रह्मांड के इतिहास में इतनी पहले की अवधि कि भौतिकी के हमारे सर्वोत्तम सिद्धांत टूट जाते हैं।

    यह युग बिग बैंग के बाद एक सेकंड के खरबवें के खरबवें के दस लाखवें हिस्से का केवल दस लाखवां हिस्सा हुआ।

    इस बिंदु पर, अंतरिक्ष और समय स्वयं क्वांटम उतार-चढ़ाव के अधीन हो गए।

    भौतिक विज्ञानी आमतौर पर क्वांटम यांत्रिकी के साथ अलग से काम करते हैं, जो कणों के सूक्ष्म जगत को नियंत्रित करता है, और सामान्य सापेक्षता के साथ, जो बड़े, ब्रह्मांडीय पैमानों पर लागू होता है।

    लेकिन प्लैंक युग को सही मायने में समझने के लिए, हमें क्वांटम गुरुत्व के एक पूर्ण सिद्धांत की आवश्यकता है, जो दोनों को मिला दे।

    हमारे पास अभी भी क्वांटम गुरुत्व का एक आदर्श सिद्धांत नहीं है, लेकिन प्रयास हैं – जैसे स्ट्रिंग सिद्धांत और लूप क्वांटम गुरुत्व।

    इन प्रयासों में, सामान्य स्थान और समय को आम तौर पर एक गहरे समुद्र की सतह पर लहरों की तरह आकस्मिक रूप में देखा जाता है।

    अंतरिक्ष और समय के रूप में हम जो अनुभव करते हैं, वह क्वांटम प्रक्रियाओं के उत्पाद हैं जो एक गहरे, सूक्ष्म स्तर पर काम कर रहे हैं – ऐसी प्रक्रियाएं जो मैक्रोस्कोपिक दुनिया में निहित प्राणियों के रूप में हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखती हैं।

    प्लैंक युग में, अंतरिक्ष और समय की हमारी सामान्य समझ टूट जाती है, इसलिए हम अब कारण और प्रभाव की अपनी सामान्य समझ पर भरोसा नहीं कर सकते।

    इसके बावजूद, क्वांटम गुरुत्व के सभी सिद्धांत कुछ भौतिक का वर्णन करते हैं जो प्लैंक युग में चल रहा था – सामान्य स्थान और समय के कुछ क्वांटम अग्रदूत। लेकिन यह आया कहां से? भले ही कार्य-कारण किसी भी सामान्य तरीके से लागू न हो, फिर भी प्लैंक-युग ब्रह्मांड के एक घटक को दूसरे के संदर्भ में समझाना संभव हो सकता है।

    दुर्भाग्य से, अब तक हमारी सर्वश्रेष्ठ भौतिकी भी उत्तर देने में पूरी तरह विफल है।

    जब तक हम ‘‘सब कुछ के सिद्धांत’’ की दिशा में आगे नहीं बढ़ जाते, हम कोई निश्चित उत्तर नहीं दे पाएंगे।

    – एलेस्टेयर विल्सन, बर्मिंघम विश्वविद्यालय

    Subscribe to our Newsletter

    To be updated with all the latest news, offers and special announcements.

    कोई जवाब दें

    कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
    कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

    पोस्ट साझा करें:

    एक नजर इन पर भी...

    अमेरिकियों को आसानी से मिलेगा भारत का आम, अनार

    नई दिल्ली। अमेरिकी बाजार में भारत से आम और अनार के आयात की सुगमता के लिए दोनों देशों के बीच एक करार हुआ है। वाणिज्य...
    चन्द्रयान 3 की सफलता पर सीरवी समाज बलेपेट में गूंजे देशभक्ति के नारे

    चन्द्रयान 3 की सफलता पर सीरवी समाज बलेपेट में गूंजे देशभक्ति के नारे

    बेंगलूरु| सीरवी समाज ट्रस्ट कर्नाटक बलेपेट वडेर भवन आध्यात्मिक प्रवचन के दौरान इसरो के चंद्रमा मिशन चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग सफलता के उपलक्ष्य...
    18 होनहार विद्यार्थियों को श्री जगदीश जी सिंदड़ा ने दी छात्रवृत्ति

    18 होनहार विद्यार्थियों को श्री जगदीश जी सिंदड़ा ने दी छात्रवृत्ति

    पाली। राष्ट्रीय सीरवी किसान सेवा समिति के महासचिव श्री जगदीश जी सिंदड़ा आप गौपुत्र, समाज सेवा, सदैव मिलनसार, सरल स्वभाव के धनी, शिक्षा प्रेमी...
    सीरवी समाज नवयुवक मंडल परगना समिति बिलाड़ा का प्रतिभावान समारोह एवम अधिवेशन रविवार 26 दिसम्बर को

    सीरवी समाज नवयुवक मंडल परगना समिति बिलाड़ा का प्रतिभावान समारोह एवम अधिवेशन रविवार 26...

    बिलाड़ा। श्री आईजी महिला महाविद्यालय, अजमेर रोड़, बिलाड़ा में सीरवी नवयुवक मंडल परगना समिति द्वारा बिलाड़ा में प्रतिभा सम्मान समारोह होने जा रहा है।...

    पाली में पटवारी व दलाल 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

    पाली। राजस्थान के पाली में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने एक पटवारी व उसके दलाल को 30 हजार रुपये की कथित रिश्वत...

    मुलेवा परिवार ने बांटे 151 कंबल

    बिलाड़ा।  बिलाड़ा के मुलेवा परिवार ने जरूरतमंदों को सर्दी से बचने हेतु 151 कंबल वितरित किए एक सादे समारोह में कृषि उपज मंडी समिति...

    पुलिस अपना काम बिना किसी दबाव के निष्पक्षता और सकारात्मक सोच के साथ करे...

    जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस का प्रयास हो कि किसी भी अपराध में कम से कम समय में गहनता से तफ्तीश...

    समय यात्रा संभव हो सकती है, लेकिन केवल समानांतर समयरेखा के साथ

    ओंटारियो (कनाडा)। क्या आपने अतीत में कभी कोई गलती की है जिसे आप ठीक करना चाहते हैं? पिछली गलतियों को सुधारना एक कारण है...

    राजस्थान में 12वीं कक्षा की प्रायोगिक परीक्षा स्थगित

    जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में 17 जनवरी से शुरू होने वाली 12वीं कक्षा की प्रायोगिक परीक्षाएं आगामी सूचना तक स्थगित कर दी हैं। शिक्षा...

    बिलाड़ा के बाद अब तिरुपति में बनेगा सीरवी समाज का दूसरा धाम

    चेन्नई (पत्रिका/अशोकसिंह राजपुरोहित)। सीरवी समाज का सबसे बड़ा धाम राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा में हैं। अब दक्षिणी भारत के तिरुपति में दूसरा...

    इस तरह की और खबरें
    इस तरह की और खबरें

    तूफानों से भरा है बृहस्पति, क्या कभी थमेगा ग्रेट रेड स्पॉट

    मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया)। बृहस्पति हमारे सौर मंडल में सबसे बड़ा...

    स्पेसएक्स चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन रवाना हुआ

    केप केनवरल(अमेरिका)। स्पेसएक्स नासा के चार अंतरिक्ष यात्रियों को...

    बहुत दूर की आकाशगंगाओं को नजदीक से कैसे देख जा सकता है

    मेलबर्न। अब तक एक खगोलविद् के रूप में मेरे...

    समय यात्रा संभव हो सकती है, लेकिन केवल समानांतर समयरेखा के साथ

    ओंटारियो (कनाडा)। क्या आपने अतीत में कभी कोई गलती...

    चंद्रमा की सतह पर उतरने और इतिहास रचने की तैयारी में चंद्रयान-3

    बेंगलुरु, 23 अगस्त (भाषा)। भारत इतिहास रचने के करीब...